'सरफरोशी' कि तमन्ना...

है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर
और हम तैय्यार है सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है
'सरफरोशी' कि तमन्ना अब हमारे दिलमें है   !!१!!

हाथ जिनमे हो जुनून कटते नही तलवार से
सर जो उठ जाते है वो झुकते नही ललकार से
हाथ जिनमे हो जुनून कटते नही तलवार से
सर जो उठ जाते है वो झुकते नही ललकार से
और भडकेगा जो शोला सा हमारे दिल मे  है
'सरफरोशी' कि तमन्ना अब हमारे दिलमें है   !!२!!

हम तो घर से निकले हि थे बांधके सरपे कफन
जा-हथेली भर लिये लो भर चले है ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत कि मेहफिल मे है
'सरफरोशी' कि तमन्ना अब हमारे दिलमें है   !!३!!

दिलमे तुफानोंकी टोली और नसोंमे इन्किलाब
होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आप
दूर रेह पाये जो हमसे दम कहा मंजिल मे है
'सरफरोशी' कि तमन्ना अब हमारे दिलमें है
'सरफरोशी' कि तमन्ना अब हमारे दिलमें है   !!४!!

(फिल्म : रंग दे बसंती)

'दर्पण'कार आचार्य बाळशास्त्री जांभेकर यांच्या स्मृतीस विनम्र अभिवादन..!! 
आणि 'पत्रकार दिना'च्या शुभेच्छा.!!
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